Featured

उत्तराखंड में स्थित नारद मुनि की तपस्थली

बद्रीनाथ धाम के पास स्थित नारद कुंड से अधिकाँश लोग परिचित हैं. बद्रीनाथ यात्रा के दौरान इस कुंड के विषय में माना जाता है कि इसमें स्नान करने से पुण्य प्राप्ति होती है. यह भी माना जाता है कि इस नारद कुंड से 8वीं शताब्दी के आस-पास नारद कुण्ड आदि शंकराचार्य ने 1 मीटर लंबी शालिग्राम से निर्मित मूर्ति को निकाला था.
(Narad Ganga & Narad Kund)

उत्तराखंड में ही नारद मुनि की तप्त स्थली भी है. उत्तरकाशी जिले में एक गांव है बनास. इस गांव से यमुना नदी की एक सहायक नदी नारद गंगा भी निकलती है. नारद गंगा नदी पर गर्म जल कुंड के अतिरिक्त झरना भी स्थित है.

युमनोत्री धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है नारद चट्टी. नारद चट्टी हनुमान चट्टी से 4 किमी की दूरी पर है. नारद चट्टी, हनुमान चट्टी और फूल चट्टी के बीच में पड़ने वाला एक पड़ाव है. नारद चट्टी के पास ही नारद गंगा की जलधार यमुना नदी से मिलती है.
(Narad Ganga & Narad Kund)

यह मान्यता है कि नारद मुनि चार धाम यात्रा पर निकले तो उन्होंने यहीं तप किया था. उनके तप के बल से ही यहां दो जलधारा निकली जिसमें एक गर्म और दूसरी ठंडी जलधारा थी. तभी से इस जलधारा का नाम नारद गंगा रखा गया.

अमर उजाला की एक खबर के अनुसार स्थनीय पुरोहित पवन प्रकाश उनियाल के अनुसार इसी स्थान पर बालक ध्रुव को भगवान के दर्शन का वरदान मिला था. उनके अनुसार बनास गांव भागवत गीता में वृन्दावन के रूप में जाना जाता था.

यहां प्रत्येक वर्ष नारद जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. इस दिन यहां स्थित नारद मुनि के मंदिर में भव्य पूजा पाठ के बाद भंडारे का आयोजन किया जाता है.
(Narad Ganga & Narad Kund)

संदर्भ: अमर उजाला में प्रकाशित 2018 की रपट

काफल ट्री डेस्क

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

1 hour ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

2 hours ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

5 days ago

साधो ! देखो ये जग बौराना

पिछली कड़ी : उसके इशारे मुझको यहां ले आये मोहन निवास में अपने कागजातों के…

1 week ago

कफ़न चोर: धर्मवीर भारती की लघुकथा

सकीना की बुख़ार से जलती हुई पलकों पर एक आंसू चू पड़ा. (Kafan Chor Hindi Story…

1 week ago

कहानी : फर्क

राकेश ने बस स्टेशन पहुँच कर टिकट काउंटर से टिकट लिया, हालाँकि टिकट लेने में…

1 week ago