वर्ष 2018 का संसद में मानसून सत्र 10 अगस्त को समाप्त हो चुका है. 10 अगस्त लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और राज्यसभा सभापति वैंकया नायडू ने क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दिया. काम-काज के लिहाज से यह मानसून सत्र बेहद शानदार रहा. इस सत्र में राज्य सभा से 14 और लोकसभा से 21 विधेयक पारित किये गये. लोकसभा के मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह में जहां 7 वहीं राज्यसभा में 9 विधेयक (पिछले दो सत्रों में कुल 10) पारित हुए. इसी सत्र में राज्य सभा में विभिन्न समितियों की 146 रिपोर्ट रखी गयी. बजट सत्र 2018 के मुकाबले मानसून सत्र 2018 में तीन गुना अधिक काम-काज हुआ.
सत्र के आरंभ होने से पूर्व मीडिया द्वारा आशंका जताई जा रही थी पिछले दो सत्रों की तरह यह सत्र भी बिना किसी काम-काज के ही निपट जायेगा. आशंकाओं के विपरीत इस सत्र में राज्यसभा की उत्पादकता 74 फीसदी रही वहीं लोकसभा की उत्पादकता 118 फीसदी रही. राज्यसभा में इस सत्र के दौरान शून्य काल में जनहित से जुड़े 120 मुद्दे उठाये गये (पिछले दो सत्रों में 67). इसी तरह इस सत्र में 91 सवालों का मौखिक जवाब दिया गया (पिछले दो सत्रों में यह संख्या 51 थे). विशेष उल्लेख के तौर पर इस सत्र में 61 मुद्दे रखे गये (पिछले दो सत्रो में 68 थी).
राज्यसभा में इस सत्र से ही ई-नोटिस की सुविधा प्रदान की गयी. 22 भाषाओं में भाषांतरण की सुविधा भी इसी सत्र में प्रारंभ हुई. मानसून सत्र में राज्यसभा के नये उप-सभापति हरिवंश राज्यसभा के नवीन उप-सभापति चुने गये. एनडीए उम्मीदवार हरिवंश जेडीयू दल से हैं.इससे पूर्व राज्यसभा के उप-सभापति पी.कुरियन थे.
लोकसभा में 2000 के बाद संसद में मानसून सत्र में सर्वाधिक काम-काज हुआ. इस सत्र में लोकसभा में कुल 121 घंटे कार्य हुआ. लोकसभा में इस सत्र में पहली बार एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. इस अविश्वास प्रस्ताव पर लगभग 11 घंटे चर्चा हुई. यह अविश्वास प्रस्ताव वोटिंग में खारिज हो गया.
इस सत्र में राज्यसभा में राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिये जाने से संबंधित 123वां संविधान संशोधन पारित हुआ. इस सत्र में एससी/ एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018, राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2018, क्रिमीनल लॉ संशोधन विधेयक 2018, होम्योपैथी केंद्रीय परिषद संशोधन विधेयक 2018, दिवाला और शोधन अक्षमता सहिता दूसरा संशोधन विधेयक 2018, भ्रष्टाचार निवारण संशोधन विधेयक 2013 आदि को भी मंजूरी मिली. राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2018 के तहत मणिपुर में देश की पहली खेल यूनिवर्सिटी बनाई जायेगी. सत्र में तीन तलाक से संबंधित विधेयक पारित नहीं हो पाया.
लोकसभा में भी एससी/ एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018, मध्यस्थता और सुलह संशोधन विधेयक 2018, जीएसटी से जुड़े चार विधेयक, लोक प्रतिनिधित्व संसोधन विधेयक 2018 आदि पारित किये गये. इस सत्र में सोशियल मिडिया के दुरुपयोग पर भी बहस हुई. इस संबंध में सरकार को सोशियल मिडिया के सबंध में एक राष्ट्रीय नीति बनाने का सुझाव दिया गया. इस बीच संसद में बालिकाओं के प्रति बड़ते यौन अपराधों पर भी चर्चा हुई. इस सत्र में चार अध्यादेशों में भी मुहर लगी. जिसमें मणिपुर में स्पोर्टस यूनिवर्सिटी के निर्माण से जुड़ा विधेयक, आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक, होम्योपैथी केंद्रीय परिषाद विधेयक शामिल हैं.
कुल मिलाकर मोदी सरकार का अब तक भारतीय करदाताओं की गाढ़ी कमाई से चलने वाली संसद का सबसे सफल सत्र समाप्त हो चुका है. उम्मीद की जानी चाहिये कि भारतीय सांसद संसद के प्रत्येक संसद को इतना ही उपयोगी बनायेंगे.
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