स्वामी विवेकानंद को भारतीय इतिहास में ऐसे दिव्य व्यक्तित्व के रूप में देखा जाता है, जिन्होंने देश के युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित किया. हालांकि उनसे प्रभावित होने वालों और उन्हें आदर्श मानकर उनके दिखाए मार्ग पर चलने वाले महापुरुषों की भी कम बड़ी संख्या नहीं. महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, रवींद्रनाथ ठाकुर और सुभाष चंद्र बोस आदि स्वामी विवेकानंद को राष्ट्र का आध्यात्मिक गुरु मानते थे. स्वामी विवेकानंद ने ही दुनिया को वेदांत दर्शन से परिचित करवाया. उनके व्यक्तित्व में कुछ ऐसा आकर्षण था कि वह आज भी हर भारतीय के लिए आदर्श हैं. यहां प्रस्तुत हैं उनके दस सूत्र, जिनका पालन करके युवा असंभव से असंभव कार्य को भी संभव कर सकते हैं : mind-fit-27-column
पहला सूत्र – शक्ति ही जीवन है
अपनी ताकत में ही जिएं और मरें. शक्ति ही जीवन है, कमजोरी ही मौत है. शक्ति सुखदायक है, अविनाशी है और शाश्वत जीवन है. दुर्बलता निरंतर तनाव और दुख है. अगर मृत्यु सामने खड़ी हो, तो भी आप में कोई कमजोरी प्रकट नहीं होनी चाहिए. mind-fit-27-column
दूसरा सूत्र – हर बंधन से मुक्त होना ही आपका उद्देश्य है
इस संसार में जन्म लेने के बाद अगर हम खुद को बंधनों में कैद पाते हैं, तो ये सारे बंधन हमारे ही बनाए हुए हैं. सृष्टि ने हमें कोई बंधन नहीं दिया. अगर आप जानते हैं कि आप मुक्त हैं, तो आप इसी क्षण मुक्त हैं.
तीसरा सूत्र – प्रेम ही जीवन का नियम है
जब दिल में समस्त प्राणियों के लिए प्रेम होता है, तो हम समस्त प्राणियों जैसे विस्तृत हो जाते हैं. अगर सिर्फ अपने ही प्रति प्रेम है, तो हम अपने में ही संकुचित हो जाते हें. वह जो प्रेम करता है, वह जीवित रहता है, वह जो स्वार्थी है, मरने वाला है. प्रेम की शक्ति ही दुनिया को दुख, तकलीफों और मुसीबतों से लड़ने की ताकत देती है.
चौथा सूत्र – दुनिया खूबसूरत है
सबसे पहले यह विश्वास करें कि इस दुनिया में हर चीज के पीछे कोई न कोई अर्थ जरूर है. यहां कुछ भी बेवजह नहीं होता. इस दुनिया में हर चीज अच्छी है, वह सुंदर और पवित्र है. अगर आप यहां कुछ गलत देख रहे हैं, तो जान लीजिए कि आप ठीक से समझ नहीं पा रहे हैं. हमें अपने दिल को सागर जैसा बड़ा बनाना चाहिए, ताकि दुनिया की तमाम क्षुद्रताएं उसमें समाहित हो जाएं, मगर हम उनसे जरा भी प्रभावित न हों. mind-fit-27-column
पांचवां सूत्र – खुद पर विश्वास कीजिए
आप खुद को जैसा समझते हैं, वैसे ही बन भी जाते हैं. अगर आप खुद को कमजोर समझते हैं, तो आप कमजोर ही बनेंगे. अगर आप खुद को ताकतवर समझते हैं, तो आप ताकतवर ही बनेंगे. अगर आप खुद को ऋषि समझेंगे, तो असल में भी ऋषि ही बन जाएंगे. जब तक आप खुद में विश्वास नहीं करते, आप भगवान में भी विश्वास नहीं कर सकते.
छठा सूत्र – स्वयं को जानिए
अपने आपको जानिए, जो कि वास्तव में आप हैं – शाश्वत आत्मा. यही वास्तविक धर्म है. दूसरी हर चीज झूठी है, क्योंकि बाकी सभी चीजें एक दिन गायब हो जाएंगी. स्वयं को दूसरे शरीरों के भीतर महसूस करना सीखिए. यह जानिए कि हम सभी एक ही हैं.
सातवां सूत्र – दृढ़ विचार ही सफलता का रास्ता है
एक विचार पर स्थिर रहिए. उस विचार को ही अपना जीवन बना लीजिए. उसके बारे में सोचिए, उसके बारे में सपने संजोइए. उस विचार को ऐसे जिएं कि आपका दिमाग, मांसपेशियां, नसें और आपके जिस्म का हर हिस्सा उस विचार से भर जाए और दूसरे हर विचार को छोड़ दें. यही सफलता का रास्ता है.
आठवां सूत्र – सत्यवादी बनें
जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक, निर्भीक होकर लोगों से कहिए. याद रखिए – सत्य के लिए सबकुछ छोड़ा जा सकता है, लेकिन सच को किसी भी चीज के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. mind-fit-27-column
नौवां सूत्र – कुछ भी असंभव नहीं
मैं पूरी तरह इस बात पर यकीन करता हूं कि इस ब्रह्मांड की कोई भी शक्ति, किसी भी व्यक्ति को उस चीज को हासिल करने से नहीं रोक सकती, जिसका वह वस्तुत: हकदार है. यदि मन अपनी पूर्ण क्षमता में जाग्रत है, तो हर चीज पाई जा सकती है. पहाड़ों को भी खाक में मिलाया जा सकता है. प्रबल इच्छाशक्ति के सामने हर चीज को सिर झुकना पड़ेगा, क्योंकि वह भगवान से आती है. एक शुद्ध और शक्तिशाली संकल्प सर्वशक्तिमान है.
दसवां सूत्र – अपने भाग्य के निर्माता आप ही हैं
खड़े हो जाइए, साहसी बनिए, शक्तिशाली बनिए. जिम्मेदारी का सारा बोझ अपने खुद के कंधों पर उठाइए और इस बात को जानिए कि अपनी किस्मत को बनाने वाले आप ही हैं. जो कुछ भी शक्ति और सहायता आप चाहते हैं, वह आपके भीतर ही है. mind-fit-27-column
– सुन्दर चंद ठाकुर
लेखक के प्रेरक यूट्यूब विडियो देखने के लिए कृपया उनका चैनल MindFit सब्सक्राइब करें.
यह भी पढ़ें: ऐसे मिलेगा कामयाबी दिलाने वाला Blessed Mind
कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…