Featured

खाल का अर्थ अलग-अलग है कुमाऊं और गढ़वाल में

गढ़वाली बोली बोले जाने वाले इलाकों में ‘खाल’ शब्द का सम्बन्ध पहाड़ की चोटी के नज़दीक स्थित उस गहरे और समतल भूभाग से होता है जहां से पहाड़ के दोनों तरफ के भूभाग देखे जा सकते हैं. कुमाउनी में इसके सबसे निकट का शब्द ‘धार’ है. गढ़वाल में स्थित अनेक स्थानों के नामों और उनकी भागोलिक स्थिति से इस अर्थ को स्पष्टतः समझा जा सकता है. इनमें प्रमुख हैं – केतखाल, कसरखसखाल, द्वारीखाल, जयहरीखाल, बुवाखाल, खजीरीखाल, किनगोड़ीखाल, बीरोंखाल, जेरीखाल, हिंडोलखाल, मठाणखाल, चौबट्टाखाल, कालिंदीखाल, पंडुवाखाल और सौराखाल.

कुमाऊं में ‘खाल’ शब्द का इस्तेमाल पहाड़ी क्षेत्र के मध्य की उस समतल भूमि के लिए किया जाता है जहाँ उसकी निचली स्थिति के कारण उसमें पानी इकठ्ठा हो जाता है. कुमाऊं में भी बहुत सारे ‘खाल’ हैं जिनकी भौगोलिक स्थिति इस शब्द के अलग अर्थ का पता देती है – सुन्दरखाल, घोड़ाखाल, हाथीखाल, देवीखाल, बारहाखाल, बूंगाखाल, गैंडाखाल और गड़ियाखाल आदि.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

  • असहमत। गढ़वाल में चाल और खाल शब्द जिस परिपेक्ष्य में प्रचलित हैं, दोनो का संबंध वर्ष जल संचयन से जुड़ा है। पहाड़ी ढलानों पर चाल बनाकर और पहाड़ों की तलहटी पर स्थित समतल भू भाग पर खाल बनाकर वर्षा जल को उथले कुंडों में रोकने की वैज्ञानिक पद्दति प्रचलित थी, ताकि झरनों धारों में पानी बना रहे। वर्तमान में इस पद्दति को प्रसारित करने का कार्य कुछ स्वेच्छा संगठनों द्वारा फिर से हो रहा है।

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago