बागेश्वर की पिंडारी घाटी में स्थित है पिंडारी ग्लेशियर. 4200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पिंडारी ग्लेशियर लगभग पांच किमी लम्बा और ढाई किमी चौड़ा ग्लेशियर है. इसी ग्लेशियर से पिंडर नाम की नदी भी निकलती है. पिंडरी ग्लेशियर हमेशा से साहसिक पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है.
पिंडारी ग्लेशियर तक पहुचने के लिये अंतिम गांव है खाती गांव. हाल ही में पिंडारी ग्लेशियर की यात्रा पर गये डोई पांडे ने पिंडारी ग्लेशियर और उसके आस-पास के गावों की तस्वीरें भेजी हैं. डोई द्वारा ली गयी इन तस्वीरों में दिखता है कि हमारे पहाड़ों में अभी भी जीवन कितना कठिन है. डोई पांडे की तस्वीरों में देखिये पिंडारी ग्लेशियर के साथ पहाड़ी जीवन की सरलता :
वाट्सएप में काफल ट्री की पोस्ट पाने के लिये यहाँ क्लिक करें. वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online
इन्हें भी देखें :
जिद थी और हम पहुंच गए पिंडारी ग्लेशियर
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…
इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …
तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…