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पिंडारी घाटी का जन-जीवन : फोटो निबंध

बागेश्वर की पिंडारी घाटी में स्थित है पिंडारी ग्लेशियर. 4200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पिंडारी ग्लेशियर लगभग पांच किमी लम्बा और ढाई किमी चौड़ा ग्लेशियर है. इसी ग्लेशियर से पिंडर नाम की नदी भी निकलती है. पिंडरी ग्लेशियर हमेशा से साहसिक पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है.

पिंडारी ग्लेशियर तक पहुचने के लिये अंतिम गांव है खाती गांव. हाल ही में पिंडारी ग्लेशियर की यात्रा पर गये डोई पांडे ने पिंडारी ग्लेशियर और उसके आस-पास के गावों की तस्वीरें भेजी हैं. डोई द्वारा ली गयी इन तस्वीरों में दिखता है कि हमारे पहाड़ों में अभी भी जीवन कितना कठिन है. डोई पांडे की तस्वीरों में देखिये पिंडारी ग्लेशियर के साथ पहाड़ी जीवन की सरलता :

Life of Pindari Valley Life of Pindari Valley

खाती गांव का अस्पताल

Life of Pindari Valley Life of Pindari Valley

खाती गांव का घर. ( हंस फाउंडेशन द्वारा पेंटिंग की गयी)

खाती गांव का पोस्ट ऑफिस.

खर्किया गांव से खाती गांव की ओर

पिंडर के साथ खाती गांव

पिंडर और कफनी नदी का संगम.

पिंडर नदी

मोनालों का समूह

जीरो पॉइंट की ओर

पिंडारी घाटी का अंतिम गांव खाती गांव

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अल्मोड़ा ताड़ीखेत के रहने वाले मुकेश पांडे अपने घुमक्कड़ी धर्म के चलते डोई पांडे नाम से जाने जाते हैं. बचपन से लखनऊ में रहने के बाद भी मुकेश पांडे के दिल में पहाड़ खूब बसता है. अपने घुमक्कड़ी धर्म के लिये ही पिछले पांच साल से प्रमोशन को ठुकरा कर लखनऊ के एक बैंक में घुमक्कड़ी के वास्ते ही नौकरी भी कर रहे हैं. पूरे देश की सड़कों पर अपनी मोटरसाइकिल की छाप छोड़ने की तमन्ना रखने वाले मुकेश पांडे हाल ही में पिंडर घाटी से लौटे हैं. यह उसी यात्रा की तस्वीरें हैंं.

इन्हें भी देखें :

जिद थी और हम पहुंच गए पिंडारी ग्लेशियर

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Girish Lohani

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