सुन्दर चन्द ठाकुर

कैसे करें लक्ष्य निर्धारित और कैसे उन्हें पाएं

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माइंडफिट ग्रोथ चैनल में आपका स्वागत है. जी हां दोस्तो, यह ग्रोथ को समर्पित नया चैनल है. जिन्होंने मेरे माइंडफिट चैनल को देखा है, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि माइंडफिट ग्रोथ के नाम से मैं नया चैनल शुरू कर रहा हूं. इस चैनल को शुरू करने के पीछे मेरा लक्ष्य है कि मैं आपको पर्सनल ग्रोथ के रास्ते पर ले जाऊं ताकि आप जॉब, बिजनेस, रिलेशनशिप, हेल्थ, माइंड पावर, हैपीनेस सभी क्षेत्रों में ग्रोथ करें और जीवन को समृद्ध बनाएं.

आज मैं इस नए चैनल के पहले विडियो में एक ऐसे विषय पर बात कर रहा हूं जो जीवन में ग्रोथ और सक्सेस के लिए बेहद जरूरी है. कैसे हम अपने लक्ष्य बनाएं और कैसे उन्हें पाएं. How to set goals and achieve them. अगर आप अपनी आकांक्षाओं को हकीकत में बदलते देखना चाहते हैं, तो एकदम सही पते पर पहुंचे हैं. अपनी नोटबुक हाथ में ले लें ताकि जरूरी पॉइंट्स नोट कर सकें और चलें मेरे साथ इस महज दस मिनट की यात्रा पर जो आपके जीवन की दशा और दिशा बदलने वाली है.

पार्ट – 1
लक्ष्य निर्धारित करने की शक्ति

दोस्तो लक्ष्य निर्धारित करना ऐसा ही है जैसे कि आप अपनी जिंदगी का नक्शा तैयार कर रहे हो. एक ऐसा नक्शा जो असल में आपको जीवन का उद्देश्य बताने वाला हो, जो आपके भविष्य की दिशा तय कर रहा हो और आपको साफ-साफ दिखा रहा हो कि आपको जाना कहां है. लेकिन सिर्फ बड़े सपने देखने से बात नहीं बनने वाली. बात तब बनेगी जबकि हमें उन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए जरूरी काम करना आएगा. तो दोस्तो, चलिए लक्ष्य निर्धारित करने की शक्ति से दो-चार हुआ जाए और जाना जाए कि क्यों जीवन में कुछ भी महत्वपूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कदम उठाना जरूरी है.

पार्ट – 2
लक्ष्यों को थोड़ा SMART बनाएं

यह बहुत जरूरी है कि हम अपने लक्ष्यों को तय करते हुए ऐसी योजना बनाएं जिस पर प्रभावी तरीके से काम किया जा सके. इसके लिए हम SMART criteria का इस्तेमाल कर सकते हैं. SMART यानी Specific, Measurable, Achievable, Relevant and Time-bound. चलिए इसके हर हिस्से को अलग-अलग गहराई से समझते हैं.

पार्ट – 3
लक्ष्य Specific बनाओ

आपको जिस दिशा में काम करना है उसी दिशा में ले जाने वाले specific लक्ष्य बनाने होंगे. यह कहने की बजाय कि मैं अपना वजन कम करना चाहता हूं अगर यह कहा जाए कि मैं कम से कम अपना पांच किलो वजन कम करूंगा या मैं फिट होना चाहता हूं कहने की बजाय यह कहा जाए कि मैं हर हफ्ते तीन दिन कम से कम आधे घंटे रनिंग करूंगा, तो इससे आपके काम करने के ढंग में फर्क आएगा. Specific लक्ष्य बनाने से आपको अपने रास्ते और मंजिल की ज्यादा बेहतर जानकारी मिलती है.  

पार्ट – 4
लक्ष्य को Measurable बनाओ

अपने लक्ष्य को पाने के लिए जब आप काम करना शुरू करते हैं, तो अपनी प्रोग्रेस को मापना भी जरूरी है. इससे आप अपने लक्ष्य को पाने की राह पर उत्साह के साथ बने रहते हो. अपने लक्ष्य को ऐसे हिस्सें में बांटों जिन्हें आप चेक कर सकते हो. मसलन आपने अगर पांच किलो वजन घटाने का लक्ष्य रखा है, तो आप हर महीने एक किलो वजन घटाने की बात कर सकते हो. एक-एक किलो घटाकर ही आप पांच किलो घटा पाओगे. मैं जब फुल मैराथन दौड़ता हूं तो 42 किलो मीटर दौड़ने की नहीं सोचता. बल्कि पांच-पांच किलोमीटर दौड़ने के छोटे लक्ष्य बनाता हूं. जब आप बड़े लक्ष्य को छोटे लक्ष्यों में तोड़ते हो और उन्हें अचीव करते हुए खुश होकर आगे बढ़ते हो, तो लक्ष्य हासिल करने की पूरी यात्रा में लगातार उत्साह में बने रहते हो.

पार्ट -5
लक्ष्य ऐसे हों जिन्हें हासिल किया जा सके

बड़े लक्ष्य बनाना सभी को अच्छा लगता है लेकिन ज्यादा जरूरी यह है कि हम हासिल हो सकने वाले लक्ष्य बनाएं. ऐसे लक्ष्य हों जो हमें चुनौती देते हों, मुश्किल हों लेकिन वास्तविक भी हों. अगर हम शास्त्रीय संगीत यानी क्लासिकल म्यूजिक सीखना चाहते हैं, तो उसके लिए हमारे पास खाली वक्त होना भी जरूरी है. हमें अगर अपने लिए एक घंटे का समय निकालना भी मुश्किल हो रहा हो और हम शास्त्रीय संगीत सीखने को अपना लक्ष्य बना लें, जिसके लिए कि रोज कई घंटों का रियाज करना पड़ता है, तो साफ है कि हम लक्ष्य हासिल नहीं करने वाले. इसलिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए अपने पास मौजूद समय और सुविधाओं को खयाल में रखना जरूरी है.

पार्ट – 6
लक्ष्य को प्रासंगिक यानी Relevant रखें

आपके लक्ष्य आपके मूल्यों और लॉंग टर्म उद्देश्यों के मुताबिक होने चाहिए. खुद से पूछो कि क्यों कोई लक्ष्य आपके लिए जरूरी है. अगर वह तुम्हारे मूल्यों के अनुरूप नहीं है तो वह तुम्हारे लिए सही लक्ष्य नहीं भी हो सकता. अपने लक्ष्यों को जब आप अपने मूल्यों के अनुरूप बनाते हो, तो आपके जीवन में संतोष और आनंद और गहरा होता है. जीवन मीनिंगफुल लगता है और आपका जीने के प्रति उत्साह बढ़ता है.

पार्ट – 7
अपने लक्ष्यों के लिए समय सीमा तय करो

जब आप अपने लक्ष्यों के लिए समय सीमा तय करते हो, तो आप उन्हें पूरा करने के प्रति गंभीर बनते हो. Time bound goals create a sense of urgency. डेडलाइन के बिना तो तुम्हारे लक्ष्य दूर के ढोलों जैसे हो जाएंगे. दूर के ढोल कैसे होते हैं? सुहावने. पर वे दूर के ही रहते हैं. उन्हें करीब लाने के लिए अपने हर लक्ष्य की समय सीमा तय करो. रोज के लक्ष्य, हफ्ते के लक्ष्य, महीने के लक्ष्य. साल के लक्ष्य. जैसे-जैसे काम हैं, वैसी ही समय सीमा. अगर आप फिटनेस के शौकीन हैं और आपको सिक्स एब्स बनाने हैं, तो जाहिर है आप कुछ महीनों का समय दोगे. कुछ दिनों में तो कुछ न होने वाला. नहीं?

पार्ट – 8
रुकावटों को दूर करना

एक बात आप समझ लें कि लक्ष्य निर्धारित करना यानी गोल सेट करना एक बात है और इस काम को करने की राह में आने वाली रुकावटों को दूर करना अलग. दुनिया में किसी भी फील्ड में आप अगर सफलता पाना चाहते हैं तो आपकी राह में रुकावटों का आना निश्चित है. जितना कठिन लक्ष्य उतनी ही ज्यादा रुकावटें. आप नगरपालिका का सदस्य बनना चाहते हैं, तो अपने मोहल्ले के आसपास के लोगों को दुआ सलाम करके भी बन जाएंगे, पर आप अगर देश का प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, तो आपको पूरे देश की जनता के पास जाना होगा. विपक्षी दल जो अड़ंगा लगाएंगे, सो अलग.

पार्ट – 9
छोटी छोटी जीतों की खुशी मनाओ

लक्ष्य पाने की राह पर चलते हुए एक एक कदम की कीमत है. You need to make sure that you are celebrating your victories, no matter how small they are. जब आप छोटी खुशियां मनाते हो तो उत्साह में बने रहते हो, ऊर्जा में बने रहते हो और आपको यकीन भी होता जाता है कि आप तरक्की कर रहे हो, आगे बढ़ रहे हो. Never forget that the journey is just as important as the destination. 

पार्ट – 10
लक्ष्यों को जरूरतों के मुताबिक बदलो

अपने लक्ष्यों का समय-समय पर रिव्यू करना बहुत जरूरी है क्योंकि जीवन रोज बदलता है. आपकी और दुनिया की जरूरतें रोज बदलती हैं. आपके लक्ष्य भी आपकी और दुनिया की जरूरतों के मुताबिक बदलते रहने चाहिए. Your goals should stay relevant. दुनिया में बदलाव न आए पर तुम्हारी आकांक्षाओं में बदलाव आ सकता है. जैसे जैसे आपके जीवन की और आसपास की परिस्थितियों में बदलाव आता है वैसे वैसे आपके लक्ष्य भी बदलते रहने चहिए. कोई शक? 

तो दोस्तो, ये हैं वे 10 तरीके जो आपको लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें हासिल करने में मदद करेंगे. याद रखें कि आपके लक्ष्य आपके सपनों तक जाने वाली सीढ़ियां हैं. आपको इस SMART फ्रेमवर्क का इस्तेमाल करते हुए फोकस बनाए रखना है, रुकावटों को दूर करना है और अपनी हर छोटी जीत का उत्सव मनाना है. अगर यह चिडियो आपको मददगार लगा, तो इसे लाइक करना न भूलें, चैनल को सब्सक्राइब करें क्योंकि मैं आपको पर्सनल ग्रोथ की एक अनूठी यात्रा पर ले जाने वाला हूं. विडियो को ऐसे लोगों के साथ जरूर शेयर करें जिन्हें इन बातों की आपको जरूरत लगती है. अगले विडियो तक अपने लक्ष्यों को पाने के रास्ते पर आगे बढ़ते रहें, नए लक्ष्य बनाते रहें. मैं कैप्टन सुंदर चंद ठाकुर अगले विडियो में आपके मिलूंगा. माइंडफिट की टैगलाइन याद रखिए-मन में है तो मुमकिन है.

कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.

इसे भी पढ़ें: फील्ड मार्शल मानेकशॉ से सीखो सच्ची लीडरशिप

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