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तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ ले जाने वाला एक हेलीकॉप्टर जिसे सफेद चीटियां चट कर गयी

1934 का साल था. इंग्लैण्ड से एक हेलीकॉप्टर भारत लाया गया. हिमालया एयर ट्रांसपोर्ट एंड सर्वे को. लिमिटेड नाम की एक कम्पनी द्वारा खरीदे गये इस हैलीकॉप्टर का नाम था G-ABSJ. यह हेलीकॉप्टर भारत में ड्रैगोमैन कहलाया. भारत आने से पहले यह यूथ और ब्रिटेन 3 और यूथ ऑफ़ अफ्रीका नाम से धूम मचा चुका था. (Helicopter Between Haridwar to Gaucher)

ड्रैगोमैन, टर्किश भाषा का एक शब्द है. जिसका अर्थ पथ दिखाने वाला या राह दिखाने वाला होता है. संभवतः ड्रैगोमैन हिमालय में उड़ान भरने वाला पहला हेलीकॉप्टर रहा होगा. एयरस्पीड ए.स.4 फेरी (Airspeed AS.4 Ferry) टाइप का यह हेलीकॉप्टर हरिद्वार से बद्रीनाथ के बीच धार्मिक यात्रियों को ले जाता था. हेलीकॉप्टर के लिये दो हैलीपैड हरिद्वार और गौचर में बनाये गये थे.

सन 1934 से 1936 तक हरिद्वार से गौचर तक ड्रैगोमैन तीर्थयात्रियों को पहुंचाता रहा. अपने समय के अन्य हेलीकॉप्टर के मुकाबले ड्रैगोमैन अधिक यात्रियों को बैठाने के लिये जाना जाता था. यह हेलीकॉप्टर एक बार में 11 लोगों को उनके कुछ सामान के साथ ले जा सकता था. इसे चलाने वाले शख्स थे कैप्टन के. आर गेज़र. केकी के नाम से मशहूर कैप्टन के आर ही वह शख्स हैं जिन्होंने 1948 में एयर इंडिया की पहली अन्तराष्ट्रीय फ्लाईट बम्बई से लंदन के बीच उड़ाई थी. (Helicopter Between Haridwar to Gaucher)

फोटो: Air-India Collector से साभार

ड्रैगोमैन को 1936 में हटा दिया गया. इसे हटाने के विषय में दो बातें कही जाती हैं. एयरइण्डिया कलेक्टर अपनी वेबसाईट में लिखता है कि साल 1936 में ड्रैगोमैन हरिद्वार में खड़ा था उसे दंगाईयों द्वारा आग के हवाले कर दिया गया. ड्रैगोमैन हेलीकॉप्टर के नष्ट होने के संबंध में एक अन्य वेबसाइट 100 एयरक्राफ्ट फोटोज ने लिखा है कि

यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि ड्रैगोमैन को बचाया नहीं जा सका. हेलीकॉप्टर में लकड़ी के ढाँचे को एक दिन सफ़ेद चीटियों का एक झुण्ड चट कर गया. जिसके बाद यह किसी काम का न रहा. (Helicopter Between Haridwar to Gaucher)

काफल ट्री डेस्क

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