Featured

एस्केप टू विक्ट्री

1981 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘एस्केप टू विक्ट्री’ को अमेरिका में ‘विक्ट्री’ के नाम से जाना गया. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मन शिविर में रह रहे मित्र देशों के कुछ युद्धबंदियों की इस कथा को ख़ासी लोकप्रियता हासिल हुई. इन युद्धबंदियों की एक टीम को जर्मन टीम के साथ एक प्रदर्शनी फुटबॉल मैच खेलना पड़ता है. फिल्म का निर्देशन जॉन ह्यूस्टन के किया था जबकि में सिल्वेस्टर स्टालोन, माइकेल केन और डेनियल मैसी मुख्य भूमिकाओं में थे.

अपने रिलीज़ के बाद फिल्म ने बड़ी संख्या में लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया क्योंकि इसमें उस समय के एक से एक पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी भी अभिनय करते नज़र आये थे. इन खिलाड़ियों में बॉबी मूर, ओसवाल्डो अर्दीलेस, देना, पॉल फौन हिम्स्ट, माइकेल समरबी, हालावर थोर्सन और वरनर रोथ के अलावा पेले भी शामिल थे. इपस्विच के स्थानीय क्लब के भी कई खिलाड़ियों को इस फिल्म में खेलने का मौक़ा दिया गया था. याबो याब्लोंस्की की लिखी इस फिल्म को १२वें मॉस्को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में जगह मिली.

फुटबॉल मैच के बहाने जेल तोड़कर भागने का प्लाट फिल्म को एक सूत्र में बांधे रखता है.

खेलों से और ख़ासतौर पर फुटबॉल से प्यार करने वालों के लिए यह एक शानदार फिल्म है. खासतौर पर इस वजह से भी कि इसमें पेले की मशहूर बाइसिकल किक भी देखने को मिलती है.

एस्केप टू विक्ट्री
निर्देशक: जॉन ह्यूस्टन

निर्माता: फ्रेडी फ़ील्ड्स
लेखक: याबो याब्लोंस्की
कास्ट: सिल्वेस्टर स्टालोन, माइकेल केन, बॉबी मूर, पेले और डेनियल मैसी.
सम्पादक: रोबेर्तो सिल्वी
संगीत: बिल कोंटी
रिलीज़: 30 जुलाई 1981
अवधि: 117 मिनट
भाषा: अंग्रेज़ी

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार

लम्बी बीमारी के बाद हरिप्रिया गहतोड़ी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया.…

1 week ago

भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू

इगास पर्व पर उपरोक्त गढ़वाली लोकगीत गाते हुए, भैलों खेलते, गोल-घेरे में घूमते हुए स्त्री और …

1 week ago

ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए

तस्वीरें बोलती हैं... तस्वीरें कुछ छिपाती नहीं, वे जैसी होती हैं वैसी ही दिखती हैं.…

2 weeks ago

सर्दियों की दस्तक

उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…

2 weeks ago

शेरवुड कॉलेज नैनीताल

शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…

3 weeks ago

दीप पर्व में रंगोली

कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…

3 weeks ago