जूनियर भारतीय पिस्टल टीम के मुख्य कोच उत्तराखण्ड के जसपाल राणा को इस साल प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य अवॉर्ड से नवाजा जाएगा. (Dronacharya Award for Jaspal Rana)
निशानेबाजी की दुनिया में देश कजा मान बढ़ाने वाले जसपाल राणा का जन्म 28 जून 1976 को गांव चिलामू, टिहरी गढ़वाल में हुआ. 1995 में इटली के मिलान में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स की निशानेबाजी प्रतियोगिता में रिकॉर्ड 8 स्वर्ण पदक जीतकर जसपाल राणा ने रिकॉर्ड बनाया. यह तब भारत के किसी भी निशानेबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.
जसपाल को निशानेबाजी का हुनर उनके पिता नारायण सिंह राणा से विरासत में मिला. जसपाल राणा को देश में निशानेबाजी की परंपरा को स्थापित व मजबूत करने का श्रेय जाता है. जसपाल ने जिस परंपरा की शुरुआत की उसी को आगे बढ़ाते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौर और अभिनव बिंद्रा ने ओलंपिक में भारत के लिए निशानेबाजी में पदक हासिल किए.
मनु भाकर, सौरभ चौधरी और अनीश भानवाला जैसे विश्व स्तरीय निशानेबाज तैयार कर चुके जसपाल राणा आज भी अपने पिता के साथ अकेडमी में भारत के भावी निशानेबाज तराशने में जुटे हुए हैं.
देश के लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वे कई पुरस्कार व पदक जीत चुके जसपाल राणा को 1994 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. पिछले साल जसपाल राणा को द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए न चुने जाने पर काफी विवाद हुआ था.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…
अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…
हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…
आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…
बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…
आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…