उत्तराखंड के बुजुर्ग किसान की मेहनत पर बनी फिल्म की ऑस्कर में एंट्री

पौड़ी जिले कल्जीखाल ब्लॉक के सांगुड़ा गॉंव में रहते हैं 83 वर्षीय किसान विद्यादत्त शर्मा. इस नाम से अब तक लोग अंजान ही थे लेकिन जब से खबर आई कि उन पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म को ऑस्कर के लिए चुना गया है तब से उनके बारे में चर्चा तेज हो गई है. विद्यादत्त जी के असाधारण श्रम पर आधारित फिल्म ‘मोती बाग’ प्रदेश की पहली फिल्म होगी जिसे ऑस्कर के मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा. इससे पहले यह फिल्म केरल में आयोजित इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फ़ेस्टिवल में प्रथम पुरस्कार जीत चुकी है.

मोती बाग विद्यादत्त जी द्वारा 1967 में स्थापित किये गए बग़ीचे का नाम है जिसमें उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर किस्म-किस्म के उत्पाद उत्पादित किये हैं. इसी बाग के नाम पर फिल्म को नाम दिया गया है मोती बाग. इस बाग की खासियत यह है कि इसी वर्ष फरवरी माह में आयोजित जनपद स्तरीय महामूला संगोष्ठी में शर्मा जी ने अपने बाग में उत्पादित 23 किलो की मूली प्रदर्शित की जो कि एक रिकॉर्ड माना जाता है.

डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्देशन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्मल चंद्र डंडरियाल ने किया है. लगभग एक घंटे की यह लघु फिल्म कृषि, जल संरक्षण, बागवानी, रोजगार, पलायन आदि ज्वलंत व सजीव मुद्दों पर आधारित है.

कहते हैं 25 साल की उम्र में विद्यादत्त जी राजस्व विभाग से नौकरी छोड़कर खेती-बाड़ी के लिए गॉंव चले आए और मोती बाग के नाम से एक बाग स्थापित किया. तब से अपनी मेहनत व लगन के दम पर उन्होंने खेती को नए आयाम दिये. पलायन की वेदना यह है कि शर्मा जी को आज की तारीख में नेपाली मूल के लोगों के साथ मिलकर खेती को अंजाम देना पड़ रहा है.

ऑस्कर में नॉमिनेट होने के बाद उम्मीद करनी चाहिये कि लोग शर्मा जी के इस अथक प्रयास से प्रेरणा लेकर पहाड़ों में खेती-बाड़ी की ओर उन्मुख होंगे और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर खेती को नया रूप देने की कोशिश करेंगे. 83 साल का एक बुजुर्ग जब इस तरह की मेहनत कर सकता है तो बेरोजगारी की मार झेल रहे पहाड़ के युवा बंजर पड़ी जमीनों में अपनी मेहनत से नया अध्याय क्यों नहीं लिख सकते.

विद्यादत्त शर्मा. फोटो : सन्डे पोस्ट से साभार

मोती बाग का लॉस एंजेलिस में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करना गर्व की बात है लेकिन इससे ज्यादा गर्व हमें तब महसूस होगा जब शर्मा जी की इस अथक मेहनत को हम उत्तराखंडवासी अपने जीवन में आत्मसात करें. ऑस्कर के लिए विद्यादत्त शर्मा जी व उनकी टीम को अग्रिम शुभकामनाएँ व नॉमिनेशन के लिए बहुत-बहुत बधाई.

नानकमत्ता (ऊधम सिंह नगर) के रहने वाले कमलेश जोशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक व भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबन्ध संस्थान (IITTM), ग्वालियर से MBA किया है. वर्तमान में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग में शोध छात्र हैं.

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Girish Lohani

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