फिल्म निर्माता बिमल रॉय की बेटी रिंकी रॉय भट्टाचार्य जब 1958 में अपने पिता द्वारा निर्मित ब्लॉकबस्टर फिल्म मधुमती के निर्माण पर पुस्तक, ‘बिमल रॉय’स मधुमती : अनटोल्ड स्टोरीज फ्रॉम बिहाइंड द सीनज,’ को लिखने की तैयारियां कर रही थीं. इस दौरान किया जाने वाला शोध उन्हें नैनीताल ले आया. बिमल रॉय की मधुमती का नैनीताल से गहरा नाता जो रहा था. इस फिल्म की लम्बी शूटिंग नैनीताल के आसपास हुई थी. बिमल रॉय के साथ दिलीप कुमार और वैजयंती माला भी इस दौरान नैनीताल में रहे. (Dilip Kumar in Nainital)
इस फिल्म के कई सुपरहिट गीत और महत्वपूर्ण दृश्य भी नैनीताल के पास गेठिया, भूमियाधार और घोड़ाखाल में फिल्माए गए थे. फिल्म का ख़ासा हिस्सा ग्राम सभा गेठिया के चीड़धार में फिल्माया गया. इस दौरान गेठिया की रहने वाली यशोदा आर्या ने वैजयंतीमाला के डबल का रोल भी अदा किया.
फिल्म के गीत ‘चढ़ गयो पापी बिछुआ की कोरियोग्राफी टीम में उत्तराखण्ड के जाने-माने रंगकर्मी मोहन उप्रेती भी शामिल रहे थे.
नैनीताल, रानीखेत में फिल्मायी गयी मधुमती भारतीय सिनेमा की उस वक़्त की सबसे ज्यादा हिट फिल्म साबित हुई. इस फिल्म ने सर्वाधिक फिल्मफेयर अवार्ड जीतने के सभी रिकार्ड ध्वस्त कर दिए. इसे बेस्ट फिल्म, डाइरेक्टर, म्यूजिक डाइरेक्टर, सिनोमेटोग्राफी समेत 9 फिल्मफेयर अवार्ड मिले. इसे उस साल के राष्ट्रीय पुरस्कारों में भी बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म से नवाजा गया.
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