प्रिय अभिषेक

क्या हम इतने बुरे थे

कल कमाल हो गया. हम लिखते और देखते ही रह गए और हमारा मित्र अमर हो गया. कल आलोचक जी…

4 years ago

दस रुपये में भविष्य दर्शन

"आइये, आइये, भविष्य में चलिये, दस रुपये में भविष्य दर्शन, दस रुपये, दस रुपये!" कुछ लोग ज़ोर-ज़ोर से आवाज लगा…

4 years ago

चड्डा साहब का लाइव टेलीकास्ट

आख़िर कब तक चड्डा साहब धैर्य रखते? कब तक? पंद्रह दिन बेचैनी में काटने के बाद, उन्होंने भी घोषणा कर…

5 years ago

लेखकों को पाठक बनकर समझ आ रहा है कि उन्होंने जनता का कितना उत्पीड़न किया है

कोरोना के इस लॉक-डाउन से एक बात बाखूबी समझ आ रही है कि चुनाव सम्बंधी एक्ज़िट पोल क्यों फ़ेल हो…

5 years ago

अभिमन्यु चक्रव्यूह में फंस गया है तू : दंतकथा

जीवन का दर्शन, जीवन का महात्म्य, जीवन के साथ ही समझ आता है. समय सबसे बड़ा शिक्षक है. आयु कहीं-न-कहीं…

5 years ago

दादाजी और लुल्ली संग बारात में सर्कस की मौज

"अरे बेटा बरुन जल्दी करो, लेट है गये हैं." दादाजी ने स्कूटर से उतर कर तेजी से कदम बढ़ाते हुए…

5 years ago

वह कवि था घटना पर कविता लिख रहा था

इस घटना से सभी चिंतित थे. पुलिस मौके की जाँच कर रही थी. पत्रकार मौके से रिपोर्ट कर रहा था.…

5 years ago

लॉक डाउन होने से ‘कवायरस’ तेजी पकड़ गया है : व्यंग्य

कोरोना वायरस के कारण पूरा देश लॉक डाउन कर दिया गया है. सभी अपने घरों में कैद हैं. लॉक डाउन,…

5 years ago

अरुण यह मधुमय देश हमारा

शाम को टहलते हुए सोच रहा था कवि ने ऐसा क्यों कहा -  अरुण यह मधुमय देश हमारा? वह कह…

5 years ago

गांव की चौपाल पर टीवी

गाँव की चौपाल पर एक छोटा सा टीवी लगा था. टीवी और जगह भी लगे थे ,पर वे एंटीने वाले…

5 years ago