केशव भट्ट

बागेश्वर के बारातियों का ठगी के शिकार होने का किस्साबागेश्वर के बारातियों का ठगी के शिकार होने का किस्सा

बागेश्वर के बारातियों का ठगी के शिकार होने का किस्सा

हम होंगे सिनला पार एक दिन – 3 हमारे पास समय था तो नदी पार दारचूला जाने की योजना बनी.…

5 years ago
बारिश से बेहाल सड़कें और धारचूला में इनर लाइन परमिट की जद्दोजहदबारिश से बेहाल सड़कें और धारचूला में इनर लाइन परमिट की जद्दोजहद

बारिश से बेहाल सड़कें और धारचूला में इनर लाइन परमिट की जद्दोजहद

हम होंगे सिनला पार एक दिन - 2 वैन आगे बढ़ी तो मन में दारमा-व्यास की रहस्यमयी घाटियों की अनदेखी…

5 years ago
बागेश्वर से सिनला दर्रे की दुर्गम यात्रा की शुरुआतबागेश्वर से सिनला दर्रे की दुर्गम यात्रा की शुरुआत

बागेश्वर से सिनला दर्रे की दुर्गम यात्रा की शुरुआत

वर्ष 2001 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस कोर्स करने के बाद प्रातःकालीन भ्रमण का एक नियम सा बन गया…

5 years ago
कितना कठिन है सुदूर घाटी के कुमाऊनी गाँवों में इन दिनों जीवन – तरदा की आपबीतीकितना कठिन है सुदूर घाटी के कुमाऊनी गाँवों में इन दिनों जीवन – तरदा की आपबीती

कितना कठिन है सुदूर घाटी के कुमाऊनी गाँवों में इन दिनों जीवन – तरदा की आपबीती

बीते दिन पिंडर घाटी के अंतिम गांव खाती के तारा सिंह उर्फ तरदा से मुलाकात हुई. वे अपनी बिटिया को…

5 years ago
पर्यटन प्रदेश में न कुछ बदला था न बदला हैपर्यटन प्रदेश में न कुछ बदला था न बदला है

पर्यटन प्रदेश में न कुछ बदला था न बदला है

अपनी चार साल पुरानी एक महत्वपूर्ण पोस्ट को आज फेसबुक पर शेयर करते हुए बागेश्वर के हमारे साथी केशव भट्ट…

5 years ago
पांच पैसे की रामलीला और वो मशाल दौड़पांच पैसे की रामलीला और वो मशाल दौड़

पांच पैसे की रामलीला और वो मशाल दौड़

एक तो बचपन ऊपर से वो भी गांव का. अलमस्त सा. घर वाले गालियों से नवाजते थे, और 'भूत' हो…

5 years ago
अपनी जलती हुई मशाल समाज को सौंप कर चल दिए डोबा-धारी के बिशनदा भीअपनी जलती हुई मशाल समाज को सौंप कर चल दिए डोबा-धारी के बिशनदा भी

अपनी जलती हुई मशाल समाज को सौंप कर चल दिए डोबा-धारी के बिशनदा भी

बागेश्वर जिले में शहर से डोबा-धारी-गिरेछिना से सोमेश्वर को एक पतली सी सड़क बनने से अब ज्यादातर लोग इसी मार्ग…

6 years ago
एक गाँव से बैसी-जागर का आँखों देखा हालएक गाँव से बैसी-जागर का आँखों देखा हाल

एक गाँव से बैसी-जागर का आँखों देखा हाल

आजकल कई गांवों में बैसी-जागर टाईप का कुछ पूजा-नृत्य गांव की धूनियों में हो रहा है. बाहर बसे परदेसी भी…

6 years ago