एक था तोता. वह बड़ा मूर्ख था. गाता तो था, पर शास्त्र नहीं पढ़ता था. उछलता था, फुदकता था, उड़ता…
-धर्मपाल सिंह रावत "जरा सांस ले ले. बस थोडा और रह गया है, आ गई तैल्या की धार, वहाँ टावर…
कहानियों का नदी की तरह कोई मुहाना नहीं होता ना ही सितारों की तरह उनका कोई आसमान. एक सजग दृष्टि…
-आचार्य चतुरसेन शास्त्री कलकत्ता जाने का मेरा पहला ही मौका था. मैं संध्या-समय वहां पहुंचा, और हरीसन रोड पर एक…
आज जब एक साल बाद नैनीताल आई, तो लगा जो भी यहाँ से लेकर गई हूँ, सारी अच्छी-बुरी यादें, खट्टे-मीठे…
आज शेविंग करते हुए ना जाने ध्यान बंट गया या फिर वही जल्दबाजी हुई कि गाल में एक बड़ा सा…
दूर कहीं जंगल में घसियारियों के गीत समवेत स्वर में गुंजायमान हो रहे हैं. उधर डाल पर दरांतियों से जैसे…
सालों बाद आज मैसेंजर पर मेरी नरेन से बात हुई. नरेन सुरेखा का छोटा भाई है. अभी कुछ दिनों पहले…
दरअसल ये बात है उस शाम की; जब बेचैन मन को शांत करने की कोशिश में मैं वादियों में टहलने…
“मैं उसके बिना जिन्दा नहीं रह सकती!” उन्होंने फैसला किया. (Toh Mar Jao) “तो मर जाओ!” जी चाहा कह दूँ.…