समाज

कुमाऊं की पारंपरिक चित्रकला ऐपण

दीवाली का त्यौहार नजदीक ही है. इस त्यौहार में कुमाऊ के सभी घरों को ऐपण से सजाया जायेगा. ऐपण एक…

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नेत्रहीनों के लिए समर्पित एक बिसरा दिया गया उत्तराखण्डी

कुंवर सिंह नेगी (20 नवम्बर 1927 – 20 मार्च 2014) कुंवर सिंह नेगी उत्तराखण्ड का एक ऐसा नाम हैं जिन्होंने…

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आजाद हिन्द फौज में उत्तराखण्ड का भी बड़ा योगदान था

21 अक्टूबर 1943 को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिन्द सरकार का गठन किया था. इस सरकार की स्थापना…

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हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने – 20

आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान देने वालों और बाद में क्षेत्र का नेतृत्व करने वालों के सम्बंध में…

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कुमाऊंनी लोकगीतों में सामाजिक चित्रण भाग – 2

पिछली कड़ी विवाहोपरान्त पुत्री की विदाई सर्वत्र करूण होती है. वह मां की दुलारी है, जिसने उसे पालपोस कर बड़ा…

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कुमाऊंनी लोकगीतों में सामाजिक चित्रण भाग 1

लोकगीतों से हमारा तात्पर्य लोक साहित्य के उन रूपों से है, जो प्रायः अलिखित रहकर जन-साधारण द्वारा निर्मित होते हुए…

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मध्यकालीन गढ़वाल राजनीति का चाणक्य भाग – 2

पिछली कड़ी कूटनीतिज्ञ पूरिया नैथानी की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण यात्रा 1680 में मुग़ल दरबार में रही. मुग़ल सम्राट औरंगजेब ने…

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मध्यकालीन गढ़वाल राजनीति का चाणक्य भाग – 1

मध्यकालीन गढ़वाल की राजनीति जिसे गढ़ नरेशों के युग से भी जाना जाता है, में कुछ असाधारण व्यक्तियों ने अपनी…

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रामलीला पर्वतीय जनजीवन की ‘लाइफ-लाइन’

रामलीला भारतीय जनमानस की एक ऐसी तस्वीर है, जिसमें कोई भी भारतीय अछूता नहीं है. राम ऐसे जननायक थे कि…

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स्वतंत्रता आन्दोलन में उत्तराखण्ड की महिलाएं भाग – 3

पिछला भाग जागृत महिला समाज के इन प्रयत्नों के फलस्वरूप ही कुछ समय के लिए पौड़ी व नन्दप्रयाग में महिलाओं…

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