आषाढ़ की काली धूप संग पहाड़ों में रोपाई
पहाड़ के लोगों और आषाढ़ की काली धूप का हमेशा से गहरा नाता रहा है. आषाढ़ की इसी काली धूप में लगती है रोपाई. उत्तराखंड में धान की बुआई के लिये लगाई जाने वाली रोपाई जिसे गढ़वाल में रोपणी भी कहते है... Read more
डोका : पहाड़ी महिलाओं के श्रम का साथी
शहरों में हम अपना लैपटॉप बैग पीठ में लगाकर सुबह ही ऑफिस को निकलते हैं तो पहाड़ों में महिलायें पीठ में डोका लगाकर सुबह ही जंगल या खेतों को निकल लेती हैं. डोका जो पहाड़ की हर महिला के श्रम का सा... Read more
उत्तराखंड के सबसे प्रतिभावान फोटोग्राफर में एक नाम कमल जोशी है. कमल जोशी ने जीवन भर कुमाऊं गढ़वाल के पहाड़ों में घूम कर पहाड़ के जीवन की पीड़ा अपने कैमरे में कैद की. कुछ वर्ष पहले कमल की आकस्मिक... Read more
रोपणी के खेत से जीतू को हर ले गयी आंछरियां
इन दिनों पहाड़ के गांवों के खेतों में रोपाई अर्थात रोपणी की जा रही है. अषाढ़ के महीने की छः गते की रोपणी को लेकर आज भी पहाड़ के लोक में माना जाता है कि इस दिन रोपणी के सेरे (रोपाई के खेत) मे... Read more
पहाड़ की कहानियां जो पिछली सदी में बैगा हुड़किया ने सुनाई थी पादरी ई एस ओकले और तारा दत्त गैरोला को : एक समय की बात है कि लखीमपुर नामक स्थान में काला भंडारी नाम का व्यक्ति रहता था, उसके पिता... Read more
सेम मुखेम गांव के पहाड़ों की आवाज
टिहरी गढ़वाल प्रतापनगर तहसील के सेम मुखेम गांव की कहानी जो पलायन के चलते आधे से ज्यादा खाली हो गया है, और हो रहा है. अगर पहाड़ बोल पाते तो वो कुछ इस तरह बोलते : इस बार फिर मंगशीर (नवंबर) आये... Read more
फिर आयेगा धुन्नी
मुंशी प्रेमचंद की क्लासिक कहानी ‘ईदगाह’ की शुरुआत, अगर मुझे ठीक से याद है, तो कुछ इस तरह से है- “रमज़ान के पूरे तीस रोज़ बाद ईद आयी…”. क़िस्सागोई वाले सीधे सपाट... Read more
पहाड़ के चेहरे: कमल जोशी के फोटो
कमल जोशी उत्तराखंड के सबसे प्रतिभावान फोटोग्राफरों में से थे. अपने जीवन के अधिकाँश वर्ष उन्होंने कुमाऊँ-गढ़वाल के पहाड़ों को छाना और अपने कैमरे की मदद से उसकी पीड़ा को दर्ज किया. कमल ने फोटोग्र... Read more
शायद ही किसी पर्वत से देशवासियों का इतना जीवन्त रिश्ता हो जितना नंदादेवी से उत्तराखंड क्षेत्र के लोगों का है. उत्तराखंड की आराध्य देवी हैं मां नंदा-सुनंदा. समूचे उत्तराखंड में हिमालय पुत्री... Read more
बेदिनी बुग्याल में ही मौजूद है हिन्दुओं का पवित्र धार्मिक स्थल बेदिनी कुंड, इसे वैतरणी भी कहा जाता है. इस कुंड का विशेष धार्मिक महत्त्व है. 11,004 फीट की ऊंचाई पर स्थित बेदिनी कुंड के पास ही... Read more